Tanishq Jewellery कैसे कमाता है सालाना ₹23,268 करोड़? | Tata Case Study

How Tanishq Jewellery Makes 23,268 Crores ?

Tanishq Jewellery कैसे कमाता है सालाना ₹23,268 करोड़? | Tata Case Study




रतन टाटा की नवरत्न कंपनियों में से एक कंपनी है टाइटन 1999 में ये कंपनी का शेर आया था अगर इस समय आपने शेयर में 1 लाख का इन्वेस्ट किया था तो आज की डेट में उसकी वैल्यू होती है छह करोड़ रुपए यानी इस कंपनी ने दिया है 60000% का रिटर्न ये वही कंपनी है जिसने राकेश झुनझुनवाला को राकेश झुनझुनवाला बनाया उनकी टोटल नेटवर्क में 25% हिस्सा सिर्फ टाइटंस था तो अगर आपको टाइटन के नाम से लग रहा है और ये घड़ी बेचने वाले कम नहीं इतनी बड़ी हो गई नहीं भाई सब टाइटन एक बड़ी कंपनी है जिसके अंदर घड़ियां भी जाती है चश्मे भी जाते हैं और


ज्वैलरी भी जाती है और ज्वैलरी टाइटन की टोटल सेल का 88% है और ज्वैलरी जो ब्रांड टाइटन के अंदर है उसका नाम है तनिष्क और आज की केस स्टडी अपनी उसी पे भेज दी सबसे इंपॉर्टेंट चीज ये जो तनिष्क ब्रांड है टाइटन को टाइटन बनाया ये प्लांट वे में लॉन्च नहीं हुआ था ये तो जुगाड़ में लॉन्च हो गया था इसको लॉन्च करना है मजबूरी थी और ऐसा नहीं की लॉन्च होते ही हिट हो गया था शुरुआत में 5 साल भयंकर घाटे में रहा था और ऐसी स्थिति हो गई थी की भैया कंपनी तो बेचनी पद जाएगी बंद करनी पद जाएगी लेकिन फिर आखिर उसने ऐसा क्या किया की पिछले साल इसकी सेल


23268 करोड़ रुपए की इसमें सेल की ऐसा क्या किया की हर साल 2 5 हजार करोड़ का कैश जेनरेट करते हैं ऐसा क्या किया की हर साल 12000 नई डिज़ाइन ज्वैलरी में ये लोग बना देते हैं इन्होंने अपने एम्पलाई की प्रोडक्टिविटी कैसे बना दी और टाटा ग्रुप की इस स्टडी से आपको पता पड़ेगा की एंप्लॉय का ख्याल कैसे रखा जाता है और जब एंप्लॉय का ख्याल रखा जाता है तो वो आपका ख्याल कैसे रहेगा तो अगर आपको समझना है की यार वेंडर का मैनेजमेंट कैसे करूं एंप्लॉय का मैनेजमेंट कैसे करूं मार्केटिंग कैसे करूं और ये सारी चीज टाटा से सीखना चाहते हैं तो दिस इसे डी केस स्टडी मैंने आपको


प्रॉमिस किया था की टाटा ग्रुप की 10 कर्मियों के स्टडी करूंगा ये पहली केस स्टडी है जितना इसकी स्टडी को प्यार मिलेगा उतनी शिद्दत से अगली नौकरी स्टडी आपके सामने आने वाली है तो वीडियो को लाइक तो करना ही है शेयर भी करना है और चैनल अब तक सब्सक्राइब नहीं किया तो कर दो भाई साहब बड़ी-बड़ी चीजों को मिस कर जाओगे अब बाकी सारी बातें छोड़ते हैं और करते हैं वीडियो की शुरुआत [संगीत] आइटम की शुरुआत हुई थी 1984 में टाटा ग्रुप का तमिलनाडु की इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन से इनका उसके साथ इन्होंने चालू की सब कुछ बहुत बढ़िया चल रहा था यह


क्या करते द घड़ी बनाने के जो भी इक्विपमेंट वगैरा द ये बाहर से इंपोर्ट कार्ड द इंपोर्ट करने के लिए इनको डॉलर चाहिए द आराम से सरकार से मांगते द डॉलर ओनर मिल जाते द अब क्या हुआ 1990 के आसपास भाई साहब इराक और अमेरिका की लड़ाई लड़ाई हुई कुवैत को लेकर और वहां बहुत बड़ा पंगा हो गया और उसके चक्कर में ऑयल के प्राइस एकदम गवर्नमेंट है वो ऑयल पूरा इंपोर्ट कर दी थी तो इंडियन गवर्नमेंट की पास ही डॉलर कम पड़ने लग गए तो इंडियन गवर्नमेंट ने सभी इंडस्ट्रियल हाउस को का दिया भैया हमसे तो डॉलर मांगने आना मत अगर तुम्हें डॉलर की जरूरत है तो खुद ही अरेंज करो खुद


ही कमाओ हमको मतलब नहीं है तो भैया टाइटैनिक भैया घड़ी बनाने के लिए तो इक्विपमेंट चाहिए उसके लिए डॉलर चाहिए डॉलर तो है नहीं क्या करें तो इन्होंने कहा यार वेस्ट में कॉन्सेप्ट है की जो घड़ी की दुकान है ना वहां पे ज्वैलरी भी बिकती है बोले कम करें क्या जल्दी बना देते हैं जल्दी बना के रूप में भेज देंगे वहां बेचेंगे तो वहां से डॉलर ए जाएंगे उसी डॉलर इक्विपमेंट खरीद लेंगे तो कम हो जाएगा तो इन्होंने उसे डॉलर के जुगाड़ के लिए जल्दी सेगमेंट तू गिव में चालू कर दिया इसको मोदी जी की भाषा हम कहते हैं अब वहां पर ज्वैलरी की साल चालू कर दी


अपना जुगाड़ करने लग गए लेकिन धीरे-धीरे क्या हुआ 91 में लिबरलाइजेशन हो गया भारत की इकोनॉमी खुल गई और भारत की इकोनॉमी खुली तो भैया इंफोसिस आएगी विप्रो आई तो ये बड़ी-बड़ी कंपनी ने जब किया तो इंडिया के पास बहुत सारे डॉलर आने लग गए तो गवर्नमेंट ने का कोई दिक्कत नहीं है आप टेंशन नहीं है और वो ऑयल वाला जो चक्कर था वो भी धीरे-धीरे कम हो गया तो बोले अब ऐसा है की भैया इंडिया में भी डॉलर की कमी नहीं है तुम चाहो तो ये सेगमेंट बंद कर दो पर टाइटन बोले की भैया फैक्ट्री में इन्वेस्टमेंट कर लिया मशीन मशीन लिया है लेबर रिवर बिठा ली अब क्या बंद कर दो


टाइटैनिक नया ब्रांड लॉन्च किया तनिष्क और उसने कहा ज्वैलरी बाहर नहीं भेजते आप इंडिया में भी जल्दी भेजेंगे पर शुरुआत में तो इसको सफलता नहीं मिली 5 साल तक घाटे पे घाटे लगते रहे सैन 2000 तक आते-आते 150 करोड़ का घटा इकट्ठा हो चुका था उन्होंने मैकेंजी कंपनी को हीरे किया उन्होंने कहा भैया बंद कर दो बेच दो तुमसे नहीं बिकेगी फिर कारण पता लगा है की आखिर कारण क्या है कारण ये था की इंडिया में जितनी भी लोग द वो भैया ट्रेडिशनल फैमिली ज्वेलर्स समान लेते हैं आप अपने घर में जाकर पूछो आपके आप जहां अपने पिताजी भी वहां से लेते द दादा जी


मैं इसे लेते द पर्दा देख लेते द तो ज्वैलरी जहां से लेनी है वो ज्वैलर फिक्स है तनिष्क नहीं कंपनी थी कौन आएगा उनके पास दूसरी बात ये थी की तनिष्क ने शुरुआत में ज्वैलरी वेस्ट के लिए बनाई थी तो 18 कैरेट में बनाते द क्योंकि उनको बढ़िया-बढ़िया डिज़ाइन देनी थी तो बढ़िया डिज़ाइन देने के लिए भैया 18 कैरेट बढ़िया होता है अब 18 कैरेट इंडिया में चलता ही नहीं है इंडिया वाले बोला भैया 22 कैरेट से नीचे लेंगे ही नहीं तो tanisht ने कहा अच्छा अब हमको समझ में आया इनको सोना चाहिए डिज़ाइन में डिज़ाइन नहीं चाहिए बोले डिज़ाइन तो है ही चलो इनको सोना भी


देते हैं इन्होंने टोटल तीन चेंज अपने सिस्टम में की है और वो तीन चेंज के चक्कर में तनिष्क कंप्लीट पलट गई और इतनी बड़ी कंपनी बन गई पहला चेंज क्या किया की जो ज्वैलरी का प्राइस टैग का डिस्प्ले आता था ना उसके साथ-साथ ये भी लिखने लग गए की भैया इस जल्दी में इतना सोना है इतने नगीनो का वजन है इतने सोने का वजन है तो उससे थोड़ा हमको कॉन्फिडेंस आया ग्राहकों को सेकंड चीज जिसने गेम पलट के रख दिया जिसको कहते हैं मास्टर स्ट्रोक वो क्या करें तो मीटर करके एक मशीन लेकर ए गए तनिष्क शोरूम में और उन्होंने कहा भाई इस मशीन का कम है ज्वैलरी की शुद्धता की जांच


करना और बकायदा मार्केटिंग की टीवी में ऐड दिए पेपर में ऐड दिए भैया जिसके पास भी सोना है वो आओ और फ्री में चेक करवा के ले जाओ अब भैया फ्री के नाम क्या आपको पता है इंडिया की जनता कैसी होती है फ्री फ्री में सोना चेक चलो वो भाई साहब झुंड के झुंड तन इस पे पहुंचे और बोले जी हमारा चक्कर के बताओ कैसा है और वहां पर 60% केसेस ऐसे निकले जहां पे सोने की प्योरिटी उनके जो पीडिया से जो उनका है उन्होंने कहा कुछ और दिया कुछ अब भाई साहब उनको लगा हम तो thagega यार तब जाकर उनको रिलायंस हुआ भाई साहब हमारे साथ गलत हो रहा था अब तो भैया मार के की दुकान से लेना पड़ेगा


लोकल से नहीं लेंगे और तनिष्क के पीछे टाटा का बंद तो खड़ा ही था तो धीरे-धीरे वो जो ट्रस्ट वहां था वो टूटा और यहां पे ए गया तीसरी चीज जो इन्होंने की 1920 स्कीम चलाई ये क्या था बोले तुम तुम्हारी ज्वैलरी टेस्ट करो 19 से 22 कैरेट के बीच में अगर ज्वैलरी निकली भाई 16 17 18 निकली तो तुम्हारी गलती भैया तुम जानो और हान अगर तुमने जांच कराए 20 कैरेट निकली तो तुम्हें कम करो 22 कैरेट तक कोई भी सोना तनिष्क से ले जाओ हमसे मेकिंग के चार्ज लेंगे गोल्ड के पैसे नहीं लेंगे मतलब 20 कैरेट की ज्वैलरी देजा और 22 कैरेट की ज्वैलरी ले जाओ सिम मेकिंग देके अब आप


बोलोगे भाई साहब ये दो-दो कैरेट जेब से क्यों वाटर रेते देखो सर ज्वैलरी में आपको पता है एक बार जो ज्वैलर बन गया जो ज्वेलर्स बंधा हुआ था पीडिया से बंधा हुआ था हर साल खरीदेंगे हर शादी भी खरीदेंगे हर दिवाली खरीदेंगे और उसी से खरीदेंगे पीढ़ी दर पीढ़ी खरीदेंगे तो टाटा ने कहा भैया एक बार वहां से यहां तो आए शुरुआत में जहां नुकसान सही बोला की भी तो करते हैं शुरुआत में नुकसान ही सही एक बात बने तो सही तो यही चीज तनिष्क ने भीगी अबे तीनों जैन जैसे की इनके पास ग्राहक आने लग गए और भैया जो कंपनी लॉस थी वो प्रॉफिट में कन्वर्ट हो गई अब भैया इसको आगे


बढ़ाना है अब ये एक्सपेंशन की तरफ आए और अब तनिष्क अपने असली अवतार में आया की एक्सपेंशन में मोटे पैसे नहीं लगाने भैया एसेट लाइट मेथड चालू किया और तनिष्क फ्रेंचाइजी शोरूम जो दो-चार स्क्वायर के शोरूम में ये लोकेशन देखते हैं जगह देखते हैं और वहां करते हैं और उनके फुटबॉल के जरिए धीरे-धीरे इनकी सेल बढ़ाने लगी फिर 2010 में जाके इनको लगा के यार छोटे-छोटे दो-दो हजार स्क्वायर फीट के तो चल रहे हैं बड़ा बना के देखेगा तो इन्होंने चेन्नई में 20000 स्क्वायर फुट का एक मेगा शोरूम इन्होंने लॉन्च किया बड़ी फॉर्मेट जहां पे भयंकर डिज़ाइन और भाई साहब जबरदस्त सफलता


मिली तो इन्होंने 2011 में 25000 स्क्वायर फुट का मुंबई में अंधेरी में लॉन्च कर दिया और उन्होंने एक चीज नोटिस की 20000 स्क्वायर फुट का जो एक शोरूम है वो 2000 स्क्वायर फुट के 10 शोरूम से ज्यादा सेल देता है तो इन्होंने कहा की जो बड़े-बड़े शोरूम में हो तो हम मनाएंगे और छोटे-छोटे अब भाई साहब मार्केटिंग करनी थी बड़ा नाम के भैया मार्केटिंग तो तनिष्क के कैसे ऐड आते हैं शानदार हेड आते हैं आपने भी देखा बीच में दो ऐड पे कंट्रोवर्सी भी हुई थी तनिष्क ने भैया अमिताभ बच्चन को ब्रांड एम्बेसडर बनाया की भैया तुम करो फिर अभी इन्होंने काजोल को बना रखा है जोधा अकबर


में तनिष्क की ज्वैलरी कहां मिलेगी पद्मावत में इसकी ज्वैलरी कम मिलेगी तो धीरे-धीरे तनिष्क के पति लोगों का विश्वास और बढ़ाने लगा तो अब बात करते हैं भैया यह तो हुई मार्केटिंग की और यह हुई एक्सपेंशन की इन्होंने अपने सेल कैसे बधाई सबसे पहले इन्होंने एक स्कीम लॉन्च की गोल्डन हार्वेस्ट यह क्या स्कीम है भैया आपके मैन में है की ये सवाल आपकी चयन बानो ₹120000 की पर आपने कहा 120000 कठे तो होते ही नहीं है तो इसने का कोई बात नहीं अब एक कम करो 10 ₹10000 हर महीने जमा करते रहो 11 महीने आप जमा करो 12वे महीने की किस्म देंगे तो अगर 120000 की चेन लेनी है तो 10


हजार 11 महीने तक तो 12 महीने के पैसे ये दे देंगे आपके भाई साहब बेनिफिट हो जाएगा और टुकड़ों टुकड़ों में भैया सेट भी बन गई तो यह स्कीम की इससे इनकी सेल बड़ी फर्स्ट दूसरा इन्होंने कहा यार इधर तो भी ज्वैलरी के आइटम ही बिखरे और कुछ भेज सकता है क्या तो इन्होंने कहा की यार वर्किंग क्लास वुमेन है आजकल महिलाएं कम करने लग गई ऑफिस जाने लग गई जॉब करने लग गई अब वहां पे यार कोई पांच-पांच लाख का सेट पहन के तो जाएंगे ही नहीं तो वहां के लिए लाइट ज्वैलरी लॉन्च करो 5000 की 10000 की ₹15000 की जो छोटी मोती अंगूठी डिजाइनर पहन ले और उनको भी अच्छा लगे तो उसके लिए


इन्होंने कलेक्शन लॉन्च किया मिया करके जहां पर साधे 3000 से ज्वैलरी का कलेक्शन चालू है तो नॉर्मल लोगों को तो बेच ही रहे द इन्होंने वर्किंग क्लास को भी पकड़ लिया और इनके लिए भी चीज लॉन्च कर दी अब कुछ कस्टमर ऐसे भी जो कहते हैं यार पुरी दुनिया ले रही है नॉर्मल ब्रांड हम वो नहीं लेंगे हमको तो लग्जरी ब्रांड चाहिए उनका भैया तुम भी लो तुम्हारे लिए लॉन्च करते हैं जोया उसमें 75000 से रेट चालू हो रही है और एकदम अलग डिज़ाइन है ये भी ले लो तो जो बहुत ज्यादा अमीर सेगमेंट है उसको भी पकड़ लिया एवरेज को पकड़ ही रखा था वर्किंग क्लास को पकड़ लिया इन्होंने


कहा यार सबसे बड़ा सेगमेंट क्या है बोले सबसे बड़ा सेगमेंट है वेडिंग ज्वैलरी जितनी भी व्यक्ति है उसमें 50% वेडिंग के चक्कर में बिकती है तो इन्होंने एक कलेक्शन लॉन्च किया जो की मेरी नजर में अब तक का बेस्ट आइडिया है रीवा करके इन्होंने कलेक्शन लॉन्च किया और उन्होंने कहा की भैया कम्युनिटी ब्राइड का कलेक्शन बनाएंगे ये क्या है इन्होंने कहा भैया गुजराती दुल्हन अलग है मराठी दुल्हन अलग है बंगाली दुल्हन अलग है उड़िया की अलग है तो इनको इनकी रीजन के हिसाब से इनके कल्चर के हिसाब से भैया जल्दी बना कर देंगे जैसे बंगाली दुल्हन है तो भैया उनका ज्वैलरी


अधूरी है शंखपाल के बिना गुजराती दुल्हन है चंदन और jaddar के बिना कम नहीं चलेगा और तमिलनाडु में ओनियन बनेगा लक्ष्मी जी की फोटो के साथ तो इन्होंने एक-एक ट्रेडीशन में समझा क्या चलेगा और उसे तरह का कलेक्शन लॉन्च किया तो हर तरह का कम्युनिटी का बंदे को उसका समान मिल गया तो भाई साहब हर सेगमेंट से सेल आने लग गई और इसीलिए आज की रेट में तनिष्क के 403 शोरूम है टोटल 243 शहरों में और टोटल 20 लाख स्क्वायर फुट से ज्यादा की रिटेल स्पेस इनकी पास है अब एक बात आती है की राउजी चलो सेल कैसे बढ़ गई समझ में ए गया अलग-अलग प्रोडक्ट लॉन्च कर दिया अलग-अलग


ब्रांड लॉन्च कर दिए मार्केटिंग कर दिया अमिताभ बच्चन को लिया है काजोल को लिया है मूवी में दिखा दिया कास्टिंग कैसे कम कारी आप बोले कम से कम पैसों में आगे कैसे बढ़ा उसपे भी बात करेंगे एम्पलाई का ध्यान कैसे रखा वेंडर का ध्यान कैसे रखा उसे पे भी बात करेंगे बट अगर आपने ये जो सेल्स और मार्केटिंग स्ट्रेटजी सीखी और ये जो मैंने आपको बताया की लॉन्ग टर्म वैल्यू का कॉन्सेप्ट की एक बार भाई साहब दो कैरेट जेब से दे दे तो क्या हुआ पीडिया के लिए कस्टमर बंद लिया ये सभी कॉन्सेप्ट को आप समझना चाहते हो डिटेल में और कहते हैं और हमारी सेल क्यों तक जाती है हमारी


मार्केटिंग के फैल होती है हमारे एंप्लॉई कम क्यों नहीं करते यह सारी चीज आप जानना चाहते हो और ये कु के जैसा बन्ना चाहते हो तो आई लॉन्च अन कोर्स व्यापारी तू सी यू हर सन्डे 4 घंटे की क्लास होती है ये तो प्री रिकॉर्ड वीडियो है कैमरे के सामने बोल रहा हूं उसमें मैं लाइव आता हूं और चार घंटे आपके साथ बैठ के बात होगी मस्ती होगी और व्यापारी की एक-एक गलती बताऊंगा की तुम्हारा एम्पलाई कम क्यों नहीं करता इसलिए नहीं करता तुम्हारी मर्जी मार्केटिंग जो फैल है इसलिए फैल है तुम्हारी सेल क्यों नहीं बढ़ रही इसलिए नहीं बढ़ रही और सेल कैसे बढ़ती है ऐसे


बढ़ती है बड़े ब्रांड कैसे करते हैं बड़े ब्रांड मार्केट कैसे करते हैं बड़े ब्रांड कम कैसे करते हैं बड़े ब्रांड सोचते कैसे हैं ये सभी चीजों पर discussion को बहुत डेप्थ में अब अपन बात करते हैं इन्होंने यार कास्टिंग कम कैसे की कास्टिंग कैसे की इन्होंने कहा की भैया आखिर कम कौन करता है कारीगर कारीगरों की समस्या क्या है मालूम करो तो कारीगरों की समस्या क्या है की 20 साल की उम्र में कारीगर कम करेगा अब वो बैठता है ऐसी जगह पे जहां पे भैया एक नहीं है हवा ढंग से नहीं आती लाइट ढंग से नहीं आती और वो मैन्युअल आंखों से लगा हुआ है तो इन


लोगों को गार्ड की प्रॉब्लम ए जाती है आंखों की प्रॉब्लम ए जाती है और 40 साल की उम्र में यह जॉब छोड़ के कोई और कम करने लग जाते हैं और फिर नया आदमी इसमें इनको मिलता नहीं है और टाटा ने कहा तुम्हारा वैसी व्यवस्था की जाएगी जैसे हमारे एंप्लॉय की करते हैं तुमको हॉस्पिटल गए इंश्योरेंस की सुविधा हम दे रहे हैं तो उनको वैसा मंथली चेकअप करना है रूटीन चेकअप करना है हम सुविधा दे रहे हैं लोन की जरूरत हो फाइनेंस की जरूरत हो बता देना और उन्होंने सैन 2008 में एक बहुत शानदार इनीशिएटिव लिया इन्होंने कारीगर पार्क बनाया की भाई एक पार्क बनाएंगे जहां पे


कारीगरों को बैठाया जाएगा और सारी सुविधाएं दी जाएगी और एक प्रोग्राम इंट्रोड्यूस किया मिस्टर परफेक्ट मिस्टर परफेक्ट प्रोग्राम में क्या करेंगे और कारीगर पार्क में क्या करेंगे इन्होंने कहा की भैया मशीनरी हम प्रोवाइड कराएंगे मटेरियल हम प्रोवाइड कराएंगे ट्रेनिंग हम प्रोवाइड कराएंगे तुम जितना भी कम करोगे वहां पर एक है एक कंडीशन में कम करो बढ़िया लाइटिंग में कम करो अभी तुम जमीन पर बैठकर कम कर रहे हो तुम्हें कुर्सी ऐसी प्रोवाइड कराई जाएगी जिससे तुम्हारी गार्डन में कम प्रॉब्लम हो तुमको बकायदा आईडी कार्ड बताएंगे तुमको यूनिफॉर्म दी


जाएगी तुम्हारा बैंकों में खाता खिलाया जाएगा तुमको कैंटीन की सुविधा दी जाएगी 2012 में इन्होंने 11 11 हजार स्क्वायर फीट के चार पार्क बनाए जिसमें 1400 कारीगरों को उन्होंने रखा और ये सारी सुविधाएं जो मैं आपको बता रहा हूं वहां पे इनको रहने की सुविधा रुकने की सुविधा और 60% से ज्यादा बंगाल से आते द तो उन्होंने बंगाली कुक रखा जो बंगाली रेसिपी बना है बंगाल की डीवीडी बंगाल की मैगज़ीन इतनी सुविधा का इनको ध्यान रखा अब आपकी मैन में बैठे-बैठे एक सवाल होगा राहुल जी आप तो का रहे द कास्टिंग बचा ही मेरे को तो लग रहा लगा यार और लगाया जा रहे हो आपने तो भाई


साहब को पैसे बचाए कहां आपने तो पैसे लगाए ये पार्क बना रहे हो 20-20 करोड़ के इतनी सुविधा इंश्योरेंस दे रहे हो आखिर क्यों डाटा ने कहा भैया जब जो देता है ना उसको मिलता भी है जो जैसे कर्म करता है ना वैसा उसको फल मिलता है इसका फल क्या मिला सबसे पहले प्रोडक्टिविटी बनाकर देता था वो 4 किलो सोने की जल्दी बना कर देने लग गया प्रोडक्शन कैपेसिटी 550 4 किलो बनाने में 5 आदमी लगते एक आदमी बना के दे रहा है आया मजा सारी मशीन देके दे दी टेक्नोलॉजी दे दी और ट्रेनिंग दे दी उसका फायदा क्या है पहले ये लोग हाथ से बना देते द तो एक हर ऐसा बना दूसरा हर में


थोड़ा फर्क आता है यार आदमी मैन्युअल बना रहा है हाथ से बना रहा है तो 20/20 में थोड़ा डिफरेंस आता था अब भाई साहब मशीन भी से है ट्रेनिंग से है तो पीस बाय पीस में फर्क ही नहीं आने लग गया तो वो कास्टिंग थी वो बच गई इन्होंने ये रिलाइज किया की भैया किसी भी तरह की मैन्युफैक्चरिंग पीस को बनाने के लिए 874 तरह के मटेरियल लगेंगे वो 874 तरह के मटेरियल उसे कारीगर पार्क में अवेलेबल कर दिए पहले क्या होता था कारीगर ने भैया कुछ बनाना चालू किया फीका रे ये चीज तो है ही नहीं अब मैं बाजार से जाके कल लेके आऊंगा फिर कल बनाऊंगा फिर बनाकर ये चीज तो है ही नहीं


फिर दो दिन लगेंगे तो ये जो ज्वैलरी तीन दिन में बन्नी जी दी वो सात दिन में बन रही है क्योंकि मटेरियल नहीं मिल रहा कभी कब मिला कभी ज्यादा मिला अब सारी चीज एक जगह ही मिलने लग गई इसके चक्कर में क्या हुआ की जो मल इधर-उधर वेस्ट पड़ा रहता था वो वेस्ट वही नहीं अभी ये मल दिया अभी के बी बन के मिल जाएगा गोल्ड का मूवमेंट शुरू हो गया सोचो 1000 कारीगर है और हर कारीगर के पास 10000 ग्राम सोना दे रखा है कितना सोना तनिष्का ब्लॉक हो गया और वो सारे कारीगरों को एक ही जगह बैठा रखा है और सारी सुविधा दे राखी है तो सोने का रोटेशन कितना तेजी से बढ़ रहा है तो जो सोने की


इन्वेंटरी 30 दिन की हुआ करती थी वो तीन दिन पे ए गई अच्छा ये जो वेस्टेज हुआ करते द इंडस्ट्री में लगभग 5% तक वेस्टेज हो जाता है गोल्ड इनकम वेस्टेज होता है पॉइंट 15% इसका मतलब ये साल में 75 से 80 किलो सोना वेस्टेज में बचा लेते हैं अच्छा टेक्नोलॉजी का उसे इन्होंने चालू किया वो कारीगर पार्क में पहले एक कारीगर डायमंड को सॉर्ट करता था भाई डायमंड अलग-अलग तरह के है उसको सोर्टिंग करनी है पैकेट में भरना है 40 कारीगर मिल के 800 पैकेट बना देते द 40 कारीगर 800 पैकेट एक रोबोट दिन में 2500 पैकेट बनाने लग गया अच्छा डायमंड कोर स्टोन को सेट करने में टोटल 65% टाइम


तो डायमंड सेट करने में चला जाता है वो कम भी मशीन पे लगा दिया तो भाई साहब जो दिन में 150 कास्टिंग हुआ करती थी वो दिन में 1800 कास्टिंग होने लगी 12 गुना बढ़ गया प्रोडक्टिविटी तो चक्कर में जो एक नया प्रोडक्ट लॉन्च होने में एवरेज 8 महीने का टाइम लगता है ये एक महीने में नया प्रोडक्ट लॉन्च करके रख देते द तो जो साल में 3000 डिजाइन बनाया करते द इस साल में 12000 डिज़ाइन बनाने लग गए कॉस्ट ऑफ प्रोडक्शन 65% तक डाउन ए गई और एंप्लॉई के प्रोडक्टिविटी 270% बढ़ गई तो आप बोलो ना एम्पलाई को फायदा देने से क्या होता है ये होता है एक बार फायदा देखें तो देखो हम कई


लोग सोचते हैं चूस लो एम्पलाई को भैया चूसने से ना होगा तुम आगे एक कदम तुम बढ़ाओ 10 कदम हो बढ़ाएंगे इन सभी चीजों को इतना इंपैक्ट वो का जितना प्रॉफिट सोचा था उससे 100 करोड़ ज्यादा हो गया तो आपने सोचा इतना हो गया नहीं इन्होंने कहा जिनकी वजह से हुआ है उन्हें को बताते हैं तो उसका एक छोटा हिस्सा उन्होंने कहा जितनी भी मैंने फ्रेंचाइजी बांटना है प्लस जितने भी वेंडर्स है जिन लोगों को ये चल करने में मदद की है सबको 50-50 ग्राम का गोल्ड कॉइन गिफ्ट तो अगर मैं आपको लास्ट में वीडियो को कनक्लूड करूंगा मैनेजमेंट लेसन बनाऊं क्या इस केस स्टडी से सीखने को क्या


मिलता है और टाटा ग्रुप ऑपरेट कैसे करता है तो सबसे पहले टाटा ग्रुप एक चीज ऑपरेट करता है की जो भी प्रोडक्ट या इंडस्ट्री अनोर्गनाइज्ड है उसको ऑर्गेनाइज करेंगे की पहले जैसे ज्वैलरी मार्केट है वह छोटी-छोटी दुकानों से मिलती थी बोले यार इसमें एक ब्रांड बन सकता है वो ब्रांड ढूंढा वो ब्रांड बनाया घड़ियां इधर उधर मिल रही थी उसको भी टाइटल बनाया जो भी चीज अनोर्गनाइज्ड है खोल दी है उसको ब्रांड बनाने का प्रयास करता है पहला दूसरा कस्टमर की नॉब्स पहचानता है सोचो कौन सोचेगा की तेरा तरह की ब्रेड और हर तरह का एक बनाना तो अगर आपको प्रॉफिट कामना है तो


कस्टमर की nabbs पकड़ने पड़ेगी तीसरी चीज है की भैया आप सोचो की मैं वेंडर को चूस लूं एंबुलेंस को चूस लूं जब आप उनको चूसते हुए परेशान होते हैं उनका माइंडसेट कम नहीं करता हल्टी-मीटली आपकी ही प्रोडक्टिविटी सफर होती है आप एक कदम उनकी तरफ badhaaoge वो 10 कदम बढ़ाएंगे और पुरी जान लगाएंगे तो आप हमेशा मैन में यह ग्रिटीट्यूड रखोगे इनके लिए कुछ करना है देखो पहली बात आप उनके लिए कुछ करोगे आपके लिए जरूर करेंगे और वो नहीं भी करेंगे ना भाई साहब ऊपर वाला बेटा टेंशन लेते हो बिजनेस को भी एक बार तुम चैरिटी की नजर से करके तो देखो फिर आएगा मजा यही पुरी के


सीरीज का मतलब है की भैया बिजनेस खुद के लिए नहीं होता खुद के लिए तो नौकरी होती है बिजनेस करो तो ऐसे करो की यार ये 10 लोगों का घर भी चल रहा है इनके एंप्लॉयमेंट के लिए ये मेरे कस्टमर सौ कस्टमर हैं ना ये भी खुश हैं ये मेरा 25 है ना ये भी खुश है यार मैंने इतना पैसा कमाया तो इतना टैक्स भी दिया और यार इतने पैसे बचे तो मैंने इतना चैरिटी भी गया जब बिजनेस कर रहे हो तो पूरे चाहूं और 360 डिग्री ये चीज फैलाओ 

तब तक के लिए धन्यवाद जय हिंद | 

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